भारतीय रेलवे से हर दिन करोड़ों लोग सफर करते हैं। इसे ट्रांसपोर्टेशन के सबसे भरोसेमंद साधनों में से एक माना जाता है, लेकिन कई बार बिना किसी वजह के पैसेंजर्स को ट्रेनों के लेट होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसकी एक बड़ी वजह लोगों के द्वारा चेन पुलिंग करना भी है, जिससे ट्रेनों को अपने डेस्टिनेशन पहुंचने में देरी होती है। इन मामलों पर लगाम लगाने के लिए पूर्व मध्य रेलवे ने बिना किसी कारण चेन पुलिंग कर रेल गाड़ियों को जहां-तहां रोकने वालों के खिलाफ अभियान शुरू की है। रेलवे ने एक साथ 600 लोगों पर कार्रवाई की तो हर कोई सन्न रह गया।
पूर्व मध्य रेल द्वारा बिना पर्याप्त कारण अवैध रूप से चेन पुलिंग करके रेल गाड़ियों को जहां-तहां रोकने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में सुरक्षा बलों द्वारा ऑपरेशन श्समय पालनश् के तहत ऐसे लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, जिससे ट्रेनें अनावश्यक रूप से विलंब ना हो।
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि ऑपरेशन समय पालन के तहत पिछले सप्ताह (21 से 27 अगस्त) के बीच रेलवे सुरक्षा बल की टीम द्वारा पूर्व मध्य रेल के विभिन्न रेलखंडों में बिना उचित कारण के चेन पुलिंग करने के आरोप में 152 लोगों को हिरासत में लिया गया। इन लोगों के विरूद्ध रेल अधिनियम की धारा 141 के तहत कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन श्समय पालनश् के तहत इन 7 दिनों में सर्वाधिक 50 लोग दानापुर मंडल में पकड़े गये. जबकि, सोनपुर मंडल में 42, समस्तीपुर मंडल में 25, पं. दीन दयाल उपाध्याय मंडल में 18 तथा धनबाद मंडल में 17 लोगों को हिरासत में लिया गया।
इसी तरह ऑपरेशन महिला सुरक्षा के तहत महिला कोच में यात्रा करने वाले पुरुष यात्रियों के खिलाफ भी धर-पकड़ अभियान चलाया गया। इसके तहत तहत पिछले सप्ताह तक रेलवे सुरक्षा बल की टीम द्वारा पूर्व मध्य रेल के विभिन्न रेलखंडों पर महिला कोच में यात्रा करने के आरोप में रेल अधिनियम की धारा 162 के तहत 471 पुरुष यात्रियों को हिरासत में लिया गया। इनमें सर्वाधिक 271 लोग दानापुर मंडल में जबकि पं. दीन दयाल उपाध्याय मंडल में 107, सोनपुर मंडल में 62 तथा समस्तीपुर मंडल में 31 पुरुष यात्रियों को हिरासत में लिया गया।
अगर कोई भी पैसेंजर बिना किसी ठोस कारण के बेवजह चेन खींचता है या इस सुविधा का दुरुपयोग करता है, तो उसके विरुद्ध रेलवे एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। अलार्म चेन खींचने की वजह से वो ट्रेन तो लेट होती ही है, इसके साथ उस ट्रैक पर पीछे से आ रही बाकी सभी ट्रेनें भी देर हो जाती हैं। रेल अधिनियम 1989 की धारा 141 के तहत, बिना उचित कारण ट्रेन के अलार्म चेन को खींचने पर 1 हजार रुपये का जुर्माना या एक साल तक की जेल हो सकती है। इतना ही नहीं, ऐसा करने वाले यात्री को 1 हजार रुपये के जुर्माने के साथ 1 साल की जेल भी हो सकती है।
किन परिस्थितियों में खींची जा सकती है अलार्म चेन?
अगर चलती ट्रेन में आग लग जाए तो ऐसी स्थिति में ट्रेन को रोकने के लिए चेन पुलिंग की जा सकती है। यदि यात्रा के दौरान आपके साथ कोई बुजुर्ग या विकलांग व्यक्ति है और उसे ट्रेन में चढ़ने में दिक्कत हो रही है और गाड़ी चल जाए तो ऐसी स्थिति में भी अलार्म चेन खींचा जा सकता है। अगर आपके साथ कोई छोटा बच्चा है और वह स्टेशन पर छूट जाता है और ट्रेन चल देती है तो ऐसी स्थिति में भी चेन पुलिंग की जा सकती है।अगर यात्रा के दौरान किसी यात्री की तबीयत अचानक खराब हो जाती है तो ऐसी परिस्थितियों में भी अलार्म चेन खींचा जा सकता है।ट्रेन में यात्रा के बीच यदि चोरी या डकैती होती है तो इस स्थिति में भी चेन पुलिंग की जा सकती है।