जब भी कहीं हम घूमने निकलते हैं तो सफर के लिए ट्रेन से अच्छा विकल्प कोई और हो ही नहीं सकता लेकिन अब बढ़ता किराया भी परेशान कर रहा है ! ऐसे में अगर आपसे कहा जाए कि आपको पहाड़ों पर ट्रेन से घूमने का मौका मिलेगा और वो भी बिल्कुल फ्री तो आप हैरान रह जाएंगे ! वैसे तो किसी भी ट्रेन में सफर करने पर किराया देना पड़ता है लेकिन एक ट्रेन ऐसी भी है ! जिसमें सफर करने पर आपको किसी भी तरह का किराया नहीं देना पड़ता और बदले में आपको हसीन वादियों का दीदार करने को मिलता है ! ये ट्रेन देश की इकलौती ट्रेन है जिसमें सफर करने के लिए आपको किसी भी तरह का टिकट नहीं लेना पड़ता है ! लग्जरी ट्रेन्स में भारत (India)पूरी दुनियां में नंबर-1 है और इस ट्रेन ने भी खूब शान में चार चांद लगाए हैं ! इस ट्रेन को चलाने के लिए जहां कोच पाकिस्तान ( Pakistan) से तैयार कर तब मंगवाए गए थे और इंजन अमेरिका से मंगवाए गए थे ! आप सोच रहे होंगे कि इतनी कहानी सुना दी लेकिन अब तक ये नहीं बताया कि आखिर ये ट्रेन कौन से रूट पर चलती है तो फिर चलिए देर न करते हुए आपको उसके बारे में भी बताते हैं !
ये बात हैरान करने वाली है, लेकिन इस तरह की सुविधा का लोग लाभ उठा रहे हैं और प्रतिदिन अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं ! भारत की फ्री ट्रेन की बात करें, तो ये एकमात्र फ्री ट्रेन है, जो कि भाखड़ा-नांगल ट्रेन है ! आपको बता दें कि इस ट्रेन का संचालन भाखड़ा और नांगल के बीच पंजाब ( panjab) और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर किया जाता है ! इस ट्रेन की शुरुआत साल 1949 में की गई थी ! उस समय इस ट्रेन के संचालन के लिए तीन लोकोमोटिव को अमेरिका (America) से मंगवाया गया था ! जिसमें से अभी भी उस समय के दो लोकोमोटिव का इस्तेमाल किया जा रहा है ! इस रूट पर यात्रा के दौरान आपको लकड़ी के कोच में यात्रा करने का मौका मिलेगा ! ये पुराने कोच हैं, जिनका निर्माण पाकिस्तान के कराची में किया गया था ! बाद में ये कोच ट्रेन के संचालन के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं !
इस फ्री ट्रेन का संचालन भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की ओर से किया जाता है, जो कि इस 74 साल पुरानी ट्रेन के संचालन के लिए प्रतिबद्ध है ! इस ट्रेन के रूट पर कुल पांच स्टेशन हैं ! वहीं, इस ट्रेन में उन लोगों को यात्रा मुफ्त मिलती है, जो कि भाखड़ा-नांगल बांध को देखने के लिए पहुंचते हैं ! ऐसे में पर्यटन के लिए लिहाज से इस ट्रेन को चलाया जाता है ! आपको बता दें कि जिस समय भाखड़-नांगल परियोजना पर काम चल रहा था, तब इस ट्रेन के माध्यम से कर्मचारियों को लाने और ले जाने के साथ सामान को ढोया जाता था ! लेकिन अब इसमें पर्यटकों को घुमाने का काम किया जाता है ! लकड़ी से बने ट्रेन के कोच में खिड़किया भी लकड़ी की है और सीटें भी लकड़ी की ही है जो विंटेज फील करवाती है !
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